
झरोखों से आगे, आसमान और भी हैं...
इस दर के आगे राहें और भी हैं।
टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों से डर न जाना हमसफ़र मेरे ...
चौरस्तों के आगे, मुक़ाम और भी हैं।
इस दर के आगे राहें और भी हैं।
टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों से डर न जाना हमसफ़र मेरे ...
चौरस्तों के आगे, मुक़ाम और भी हैं।
No comments:
Post a Comment