Tuesday, April 28, 2020


दिन अब गुजर गयारात फिर भी बाक़ी है। 
नया तो अब कुछ नहींपर शुरुआत अभी बाक़ी है। 
साथ चलते एक दौर हुआठहराव अभी बाक़ी है। 
प्यार एक दस्तूर बन गयापर इख़्लास अभी बाक़ी है। 

इख़्लाससच्चा और निष्कपट प्रेम

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